सीबोट में सोया चला अब 14 डालर की ओर
सीबोट में सोयाबीन के भाव में लगातार तेजी बनी हुई है और अब ऐसा लगता है कि 14 डालर प्रति बुशल का स्तर छूने की ओर बढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत कुछ महीनों से सीबोट में सोयाबीन के भाव में लगातार तेजी आ रही है और कुछ महीने पहले 9 डालर के नीचे था लेकिन विगत दिनों यह 13 डालर का स्तर पार कर चुका है।
सोयाबीन में तेजी का प्रमुख कारण इस वर्ष विश्व में सोयाबीन की कमी होने के साथ ही पाम आयल की कमी और इसके भाव में आ रही तेजी है।
सोयाबीन और पाम आयल दोनों ही तेजी का अनेक वर्षो का रिकार्ड तोड़ चुके हैं।
जहां तक सोयाबीन का प्रश्न है इसमें तेजी का प्रमुख कारण दक्षिणी अमेरिका में शुष्क व गर्म मौसम है।
व्यापारियों का कहना है कि ला-नीना के कारण दक्षिणी अमेरिका में बारिश की कमी के साथ ही मौसम भी गर्म रहा जिससे ब्राजील और अर्जन्टीना में सोयाबीन की बुआई प्रभावित हुई।
बुआई में देरी और भूमि में नमी के कारण वहां पर प्रति हैक्टेयर उपज भी प्रभावित होने की आशंका हैै।
अभी तक विश्व में अमेरिका सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक देश था लेकिन अब इसका स्थान ब्राजील ने ले लिया है तथा अमेरिका दूसरे नम्बर पर आ गया है और अर्जन्टीना तीसरे स्थान पर ही है।
विश्व में कुल सोयाबीन उत्पादन में इन तीनों देशों का योगदान लगभग 81 प्रतिशत है।
अमेरिका में पहले ही उत्पादन कम हुआ है और बाकी दो प्रमुख देशों में भी उत्पादन के बारे में अनिश्चितता की स्थिति है।
इसके अतिरिक्त विश्व में इस समय सोयाबीन की भारी कमी बनी हुई है जबकि ब्राजील मंे सोयाबीन की फसल में देेरी की आशंका है।
हालांकि वहां के माटो ग्रासो प्रान्त में सोयाबीन की कटाई आरंभ हो चुकी है लेकिन गत वर्ष से काफी पीछे हैं।
जानकारों का कहना है कि ब्राजील और अर्जन्टीना में नई फसल का दबाव फरवरी में जाकर बनेगा जो तेजी का कारण बन रहा है।
इसके अतिरिक्त इंडोेनेशिया और मलेशिया में पाम आयल के उत्पादन में कमी के साथ मलेशिया में सीपीओ के नित बढ़ते भाव से सोयाबीन को सम्बल मिल रहा है क्योंकि सोया आयल की मांग बढ़ रही है।
जानकारों का कहना है कि आगामी दिनों जारी होने वाले अमेरिकी कृषि विभाग के सोयाबीन के उत्पादन, सप्लाई और स्टाक के आंकड़े भी सोयाबीन के भाव की दिशा तय करेंगे।
व्यापारियों को आशंका है कि ब्राजील तथा अर्जन्टीना में उत्पादन आंकड़ों में कमी की जा सकती है।
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