खाद्य तेलों में तेजी का तूफान
इंडोनेशिया से पाम आयल निर्यात सीमित
द.अमेरिका में सोया उत्पादन कम
गत कुछ दिनों से नीचे चल खाद्य तेलों के भाव इंडोनेशियाइ सरकार के एक फैसले से तेजी का तूफान ला दिया है और मलेशिया में पाम आयल के भाव लगातार तेज रहते हुए शुक्रवार को इतिहास में पहली बार 5,600 रिंगित का स्तर पार करते हुए 5,639 रिंगित प्रति टन का स्तर छू गए।
सीबोट में भी जोरदार तेजी आई।
तेजी का प्रमुख कारण इंडोनेशियाई सरकार द्वारा घरेलू बाजार में पाम आयल के बढ़ते भाव को काबू में रखने लिए इसके आयात पर अंकुश लगाना है।
इंडोनेशिया सरकार ने वहां के पाम आयल उत्पादक के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे अपने कुल उत्पादन या निर्यात की 20 प्रतिशत मात्रा घरेलू बाजार में बेचेंगे।
जानकारों का कहना है कि इससे विश्व बाजार में पाम आयल की सप्लाई कम होने की आशंका है क्योंकि इंडोनेशिया विश्व का सबसे बड़ा पाम आयल उत्पादक देश है।
इंडोनेशियासे निर्यात कम होने के कारण मलेशियाई पाम आयल की मांग बढ़ेगी और इससे शुक्रवार को वहां पाम आयल के भाव 5,639 रिंगित प्रति टन का ऐतिसाहिक स्तर छूने के बाद 5,633 रिंगित प्रति टन पर बंद हुए।
सप्ताह के दौरान पाम आयल अप्रैल वायदा में कुल 5.85 प्रतिशत की तेजी आई।
दूसरी ओर सीबोट में सोयाबीन में भारी तेजी रही। आरंभ के कारोबार में मार्च वायदा लगभग 55 सेंट प्रति बुशल तक बढ़ चुका था।
सोया आयल और सोयामील में भी तेजी रही।
सोयाबीन में तेजी का एक अन्य कारण दक्षिणी अमेरिका में सोयाबीन के उत्पादन में पूर्वानुमान की तुलना में भारी गिरावट होना है।
ब्राजील में इस वर्ष रिकार्ड उत्पादन का अनुमान था लेकिन अब अनुमान लगातार कम होते जा रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि अब सोयाआयल, सन आयल की मांग में सुधार होगा और आयातक देश पाम आयल की कमी को साफ्ट तेलों के आयात से पूरा करेंगे।
भारत और चीन खाद्य तेलों के प्रमुख आयातक देश हैं।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष तक सोयाबीन की तुलना मंे पाम आयल के भाव लगभग 100 डालर प्रति टन तक कम चल रहे थे जबकि सन आयल की तुलना में पाम आयल लगभग 250 डालर सस्ता होता था।
व्यापारियों का कहना है कि पाम आयल और सोया आयल के भाव लगभग समान ही हो गए हैं।