खाद्य तेलों के भाव में एक बार फिर तेजी आ गई क्योंकि जहां दक्षिणी अमेरिका में बारिश की कमी के कारण उत्पादन अनुमान से कम हो सकता है वहीं ब्राजील, अर्जन्टीना आदि में स्टाक की कमी है।
यही नहीं पाम आयल की सप्लाई स्थिति जटिल होने के साथ ही मलेशिया में दिसम्बर में उत्पादन में कमी और निर्यात में वृद्वि के कारण सीपीओ के भाव लगभग 9 वर्ष के स्तर पर पहुंच जाने से भी तेजी को बल मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को खाद्य तेलों के भाव में गिरावट दर्ज की गई थी क्योंकि नए वायरस के कारण मांग प्रभावित होने की आशंका थी।
सटोरिया का ताजा समर्थन पाकर मंगलवार को सीबोट में सोयाबीन के भाव 6 वर्ष का उच्चतम स्तर छू गए थे लेकिन बाद में आगामी सप्ताह ब्राजील, अर्जन्टीना आदि अन्य दक्षिणी अमेरिकी देशों में बारिश की संभावनाओं से भाव में कुछ गिरावट आई थी। इसी प्रकार सीबोट में सोया आयल में तेजी रही क्योंकि अर्जटीना में बंदरगाहों पर हड़ताल के कारण वहां से निर्यात नहीं हो पा रहा है।
बुधवार को भी वहां पर बाजार तेज रहे। सोया आयल 40 सेंट का स्तर पार कर गया।
जानकारों का कहना है कि दक्षिणी अमेरिका में बारिश के बावजूद वहां पर सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट आना तय है क्योंकि प्रति हैक्टेयर उपज प्रभावित हो रही है।
इससे फंडामेंट तेजी के ही बने हुए हैं क्योंकि स्टाक पहले ही कम है।
यही स्थिति सीपीओ की है क्योंकि मलेशिया में उत्पादन कम है जबकि निर्यात बढ़ रहा है।
वहां पर सीपीओ 9 वर्ष के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने को उतावला है।
वहां पर सीपीओ 124 रिंगित बढ़कर बुधवार को 8 वर्ष 8 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
घरेलू बाजार
विश्व बाजार में तेजी का असर बुधवार को घरेलू बाजार में वायदा कारोबार और हाजिर में भी देखने को मिला।
व्यापारियों का कहना है कि विश्व बाजार में भाव में काफी तेजी आ चुकी है और उसकी तुलना में घरेलू बाजार में कम।
इससे ताजा आयात में पड़तल नहीं और इससे हाजिर में अभी और तेजी बनती है।
एनसीडैक्स में सोया रिफाईंड जनवरी में 2.09 प्रतिशत की तेजी आई जबकि सोयाबीन जनवरी 2.14 प्रतिशत तथा सरसों जनवरी 1.20 प्रतिशत बढ़ गई।
एमसीएक्स में सीपीओ में भी 2.04 प्रतिशत की तेजी आई।
जानकारों का कहना है कि विश्व बाजार के रुख को देखते हुए तेजी का रुख अभी जारी रह सकता है।
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